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Asliyat men Chand Mere Paas Hai
Pradeep Devisharan Bhatt
(Autor)
·
Tingle Books
· Tapa Blanda
Asliyat men Chand Mere Paas Hai - Bhatt, Pradeep Devisharan
Sin Stock
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Reseña del libro "Asliyat men Chand Mere Paas Hai"
प्रदीप जी को लिखने पढ़ने का काफी शौक है और मुझे भी। कभी कभी उनकी जानकारी से मैं भी अचम्भित हो जाता हूँ। दो समानांतर चलती पटरियाँ मिल कर एक तो नहीं होतीं पर मंजिल पर दोनों साथ ही पहुँचती हैं। यही हम दोनों का हाल है। हम दोनों साथ ही हर गोष्ठी में जाते हैं। उससे बढ़कर बात यह है कि हम दोनों में से एक को संदेशा दे कर समझ लिया जाता है, कि आएँगे तो दोनों ही। कुछ ख़ास लोगों को हमारी जोड़ी से जलन भी होती है, ऐसी जलन के लिए बर्नोल भी बेकार है। और ऐसा सिर्फ मेरे साथ हो ऐसा भी नहीं है मैंने पिछ्ले तीन सालों में जाना कि प्रदीप जी यारों के यार हैं (पुरुष स्त्रियाँ दोनों) कमिट्मेंट के पक्के, कार्यक्रम साहित्यिक हो या अन्य उन्हें देर से पहुँचना बिलकुल भी पसंद नहीं किंतु दूसरे लोगों से वे ऐसी अपेक्षा बिलकुल भी नहीं करते। शायद यही सब है जो उनकी प्रतिदिन की दो पंक्तियाँ (शेर) में उभर कर आता है। हैदराबाद के साहित्यिक क्षेत्र में उनकी दो पंक्तियाँ काफी फेमस हैं। मीडिया के विभिन्न माध्यमों में झाँकने से ऐसा ही आभास मुझे हैदराबाद से बाहर भी नजर आया।
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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